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सोमवार, फ़रवरी 28, 2011

खनक रहा था, महक रहा था

खनक रहा था, महक रहा था ...
जीवन उन संग चहक रहा था..
खुशियाँ गीत सुनाती,
मुस्कान फूल बिखराती,
माथे पे बिंदिया दिल को चुरा ले जाती...
फिर ना जाने क्या था जो गम भर गया..
उसको मुझसे मुझको उससे जुदा कर गया..
खनक रहा था, महक रहा था ...
जीवन उन संग चहक रहा था..
ये बात अब पुरानी हो गयी...
जिंदगी "बलदेव" संग अब वीरानी हो गयी...
.

खनक रहा था, महक रहा था

खनक रहा था, महक रहा था ...
जीवन उन संग चहक रहा था..
खुशियाँ गीत सुनाती,
मुस्कान फूल बिखराती,
माथे पे बिंदिया दिल को चुरा ले जाती...
फिर ना जाने क्या था जो गम भर गया..
उसको मुझसे मुझको उससे जुदा कर गया..
खनक रहा था, महक रहा था ...
जीवन उन संग चहक रहा था..
ये बात अब पुरानी हो गयी...
जिंदगी "बलदेव" संग अब वीरानी हो गयी...
.

सोमवार, फ़रवरी 21, 2011

नादाँ है दिल


आवाजें कई जो मुझको
है हरदम सुनायी देती,
फिर ज़र्रे को क्यों शिकायत
सुनसान हो गया है ||

इक शहर था के जिसको
आबाद कर चला था,
लौट के आया तो देखा
वीरान हो गया है ||

खुशियाँ थी चंद अपनी
गैरों तक में हमने बाटी,
फिर अपनों ने क्यों कोसा
नादान हो गया है ||

इस घर का एक कोना
जो लगता था मुझको अपना,
उनकी नज़र में वो तो 
शमशान हो गया है ||

प्यार को उसने कभी भी
मुझपर नहीं लुटाया,
आज देकर वो दर्द मुझको
मेहरबान हो गया है ||

दिल जिनके हाथों था टूटा
आज फिर से मचल रहा है,
खुशहाल देखकर के उनको
कद्रदान हो गया है ||

~बलदेव~

जिंदगी ना जाने क्यों सताती है हमें


जिंदगी ना जाने क्यों सताती है हमें,
हँसते हैं तो रुलाती हैं हमें,
रोते हैं तो मिटाती है हमें....
जिंदगी ना जाने क्यों सताती है हमें,

यादों के झरोखों से बुलाती है हमें,
बुलाकर फिर भुलाती है हमें,
आंसुओं के सैलाब में डुबाती है हमें,
फिर भी ना जाने क्यों भाती है हमें,
जिंदगी ना जाने क्यों सताती है हमें,

तैरना ना आये तो पानी से डराती है हमें,
तैरना अगर आ जाये तो भंवर में डुबाती है हमें,
नदिया के कोनो से फिसलाती है हमें,
कांटो भरी राह पे नंगे पैर दौडाती है हमें,
जिंदगी ना जाने क्यों सताती है हमें,